धर्मस्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – भाग 2

“स्वामी विवेकानंद के पत्र – भाग 2” में पढ़ें स्वामी विवेकानंद जी के 43 पत्र हिंदी में। इन पत्रों में स्वामीजी के ओजस्वी विचारों और गहन चिंतन का पता लगता है। उनकी हर चिट्ठी पठनीय है। पढ़ें और मनन करें–

  1. स्वामीश्रीमती टेनाट ऊड्स को लिखित (10 अक्टूबर, 1893)
  2. प्रोफेसर जॉन हेनरी राइट को लिखित (26 अक्टूबर, 1893)
  3. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (2 नवम्बर, 1893)
  4. श्रीमती टेनाट ऊड्स को लिखित (19 नवम्बर, 1893)
  5. श्री हरिपद मित्र को लिखित (28 दिसम्बर, 1893)
  6. मद्रासी शिष्यों को लिखित (24 जनवरी, 1894)
  7. श्री हरिदास बिहारीदास देसाई को लिखित (29 जनवरी, 1894)
  8. किडी या सिंगारावेलु मुदलियार को लिखित (3 मार्च, 1894)
  9. हेल बहनों को लिखित (12 मार्च, 1894)
  10. हेल बहनों को लिखित (15 मार्च, 1894)
  11. खेतड़ी के महाराज को लिखित (1894)
  12. कुमारी ईसाबेल मैक्किंडली को लिखित (17 मार्च, 1894)
  13. कुमारी मेरी हेल को लिखित (18 मार्च, 1894)
  14. स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखित (19 मार्च, 1894)
  15. रेवरेण्ड आर. ए. ह्यूम को लिखित (29 मार्च, 1894)
  16. कुमारी मेरी हेल को लिखित (30 मार्च, 1894)
  17. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (9 अप्रैल, 1894)
  18. प्रोफेसर जॉन हेनरी राइट को लिखित (25 अप्रैल, 1894)
  19. कुमारी ईसाबेल मैक्किंडली को लिखित (26 अप्रैल, 1894)
  20. ईसाबेल मैक्किंडली को लिखित (मई, 1894)
  21. प्रोफेसर जॉन हेनरी राइट को लिखित (4 मई, 1894)
  22. प्रोफेसर जॉन हेनरी राइट को लिखित (मई, 1894)
  23. स्वामी सारदानन्द को लिखित (20 मई, 1894)
  24. प्रोफेसर जॉन हेनरी राइट को लिखित (24 मई, 1894)
  25. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (28 मई, 1894)
  26. स्वामी अखण्डानन्द को लिखित (1894)
  27. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (1894)
  28. श्री अनागरिक धर्मपाल को लिखित (1894)
  29. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (1894)
  30. प्रोफेसर जॉन हेनरी राइट को लिखित (18 जून, 1894)
  31. श्री हरिदास बिहारीदास देसाई को लिखित (20 जून, 1894)
  32. मैसूर के महाराज को लिखित (23 जून, 1894)
  33. राव बहादुर नरसिंहाचारियर को लिखित (23 जून, 1894)
  34. मेरी हेल तथा हेरियट हेल को लिखित (26 जून, 1894)
  35. एक मद्रासी शिष्य को लिखित (28 जून, 1894)
  36. स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखित (1894)
  37. श्रीमती जार्ज डब्ल्यू. हेल को लिखित (जुलाई, 1894)
  38. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (11 जुलाई, 1894)
  39. हेल बहनों को लिखित (26 जुलाई, 1894)
  40. मेरी तथा हेरियट हेल को लिखित (31 जुलाई, 1894)
  41. हेल बहनों को लिखित (11अगस्त, 1894)
  42. ईसाबेल मैक्किंडली को लिखित (20 अगस्त, 1894)
  43. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (31 अगस्त, 1894)

“स्वामी विवेकानंद के पत्र – भाग 2” में स्वामी विवेकानन्द द्वारा लिखित अगस्त 1894 तक की चिट्ठियाँ हैं। स्वामी जी का चिंतन और व्यक्तित्व बहुआयामी था। उनकी हर चिट्ठी किसी-न-किसी आयाम की गहराई से पड़ताल कर उसे उजागर करती है।

इससे आगे के पत्र पढ़ने के लिए कृपया यहाँ जाएँ – स्वामी विवेकानंद के पत्र – भाग 3

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!