44 अकबर बीरबल की कहानियां – Akbar Birbal Ki Kahani
ऐसा शायद ही कोई हो जिसने कभी कोई अकबर बीरबल की कहानी (Akbar Birbal Ki Kahani) न सुनी हो। अकबर बीरबल की कहानियां न केवल मशहूर हैं, बल्कि हास्य और शिक्षा से परिपूर्ण भी हैं।
इनमें हास्य रस कूट-कूट कर भरा हुआ है। साथ ही प्रत्येक कहानी व्यावहारिक ज्ञान से भरी हुई है। ये मजेदार कहानियाँ आपको गुदगुदाएंगी व साथ ही बहुत कुछ सिखाएंगी भी। यहाँ ऐसी ही 206 कहानियां आपके सामने पेश की जाएंगी।
पढ़ें अकबर बीरबल की 44 कहानियां – विषय सूची
Read Akbar Birbal Ki 44 Kahaniyan – Index
- अकबर और बीरबल की जोड़ी – Akbar Aur Birbal Ki Jodi
- और क्या! फुर्र… – Aur Kya! Phurr…
- बादशाह का तोता – Badshah Ka Tota
- बैल का दूध – Bail Ka Doodh
- पण्डित की पदवी – Pundit Ki Padvi
- लुहार की मनमानी – Luhar Ki Manmani
- फ़ारस का बादशाह – Faras Ka Badshah
- बीरबल गाय राँधत – Birbal Gay Randhata
- न स्त्री है, न पुरुष – Na Stri Hai, Na Purush
- चार मूर्ख – Chaar Murkh
- ग़ुलाम को मार डाल – Gulam Ko Maar Daal
- दो पड़ोसिनें – Do Padosine
- मोती की खेती – Moti Ki Kheti
- नया कौतुक – Naya Kautuk
- पिछले जन्म की कहानी – Pichhle Janam Ki Kahani
- घी का व्यवसाय – Ghee Ka Vyavasaay
- आधी दूर धूप, आधी दूर छाया – Aadhi Door Dhoop, Aadhi Door Chhaaya
- अधर महल की कहानी – Adhar Mahal Ki Kahani
- बीरबल की चतुरता – Birbal Ki Chaturta
- अकबर का नशा और बीरबल – Akbar Ka Nasha
- सिर के बाल मुड़वा दूंगा – Sir Ke Baal Mudwa Dunga
- अकबर का संदेह – Akbar Ka Sandeh
- सच्चे झूठे का भेद – Sachche Jhuthe Ka Bhed
- चुप्पा सब से भला – Chuppa Sabse Bhala
- कितनी चूड़ियाँ – Kitni Chudiyan
- अकबर का सवाल, बीरबल का जवाब – Akbar Ka Sawal, Birbal Ka Jawab
- मिश्री के डेली का हीरा – Misri Ki Delhi Ka Heera
- नकली बीरबल – Nakli Birbal
- खुदा को अक्ल से पहचान करो – Khuda Ko Akal Se Pehchan Karo
- शीशे में छाया चित्र – Shishe Mein Chhaya Chitra
- लकीर छोटी हो गई – Lakeer Chhoti Ho Gayi
- एक हज़ार जूते – Ek Hazar Jute
- बीरबल को कुत्तों की हाकिमी – Birbal Ko Kutto Ki Hakimi
- चोर की दाढ़ी में तिनका – Chor Ki Dadhi Mein Tinka
- लड़ाई में जीत किसकी? – Ladai Mein Jeet Kiski
- कौन ऋतु सर्वोत्तम है? – Kaun Ritu Sarvottam Hai
- हौज के अण्डे – Hauj Ke Ande
- शाही रामायण – Shahi Ramayan
- अकबर के चार प्रश्न – Akbar Ke Char Prashn
- क्योंकि लोटा न था – Konki Lota Na Tha
- कौन-कौन क्या-क्या नहीं कर सकता – Kaun Kaun Kya Kya Nahi Kar Sakta
- तुम बड़े गधे हो – Tum Bade Gdhe Ho
- व्यसनी की लत – Vyasani Ki Lat
- लोहा और पारस का स्पर्श – Loha Aur Paras Ka Sparsh
कहानियों की विशेषता
प्रत्येक अकबर बीरबल की कहानी ख़ुद में एक शिक्षा समेटे हुए है जो आपके जीवन में काम आ सकती है। साथ ही आप यहाँ दोनों के बीच के संबंध और विश्वास को भी गहराई से देख सकते हैं। इन कथाओं से आप तत्कालीन परिस्थितियों और समाज की झलक भी पाएंगे। इस दृष्टिकोण से ये किस्से बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। ये कहानियां (Akbar Birbal Ki Kahaniyan) हास्यबोध से भी परिपूर्ण हैं; अतः पढ़ने में बहुत ही रुचिकर प्रतीत होती हैं। कोई भी व्यक्ति जब इन्हें एक बार पढ़ना शुरू करता है, तो पढ़ता ही चला जाता है। यही इन कथाओं की ताक़त है। पढ़ें ये मज़ेदार किस्से हिंदी में।
इन कथाओं की विशेषता यह है कि प्राचीन पंचतंत्र की ही तरह ये कहानियाँ भी आपको जीवन के विभिन्न आयामों से परिचित कराती हैं, साथ ही हर कहानी में गहरी सीख भी निहित होती है। हिंदी-भाषी क्षेत्रों में ये किस्से बड़े चाव से सुने-सुनाए जाते हैं। बादशाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध थे, वहीं उनके नवत्नों में से एक बीरबल अपनी तीव्र बुद्धि और वाक्-चातुर्य के लिए जाने जाते हैं। जब दोनों की ये ख़ूबियाँ मिलीं, तो उनसे अनेक अकबर बीरबल के चुटकुले और लोकप्रिय कहानियों का जन्म हुआ। हम यहाँ पंडित रामानन्द द्विवेदी की “अकबर बीरबल विनोद” नामक पुस्तक से ऐसी तमाम कथाएँ लेकर प्रस्तुत हुए हैं, जो आपके जीवन को अधिक विनोदपूर्ण तो बनाएंगी ही, साथ ही आपको सरलता से आपको कई जीवन की शिक्षाएँ भी प्राप्त होंगी। सो एंजॉय एवरी अकबर बीरबल स्टोरी टू फ़ुलेस्ट! 🙂
इस पुस्तक की भूमिका में लेखक पण्डित रामानन्द द्विवेदी लिखते हैं–
प्राचीनकाल में राजदरबारों में; जहाँ सब प्रकार के गुणियों का आदर रहता था वहाँ एकाध ऐसे भी हास्यरस-कुशल कुशाग्रबुद्धि पुरुष-रत्नों का प्रवेश रहता था जो समय-समय पर विलक्षण बुद्धि एवं वचनचातुरी से राजाओं को मोह लेते थे और अपनी वचनचातुरी से स्वामी को वश में कर लेते थे।
राजा बीरबल और बादशाह अकबर का भी ऐसा ही सम्बन्ध रहा है। बादशाह के दरबार में या यों कहिये कि अकबरी राजसभा के नौ रत्नों में बीरबल कोहिनूर हीरा थे। लड़कपन से ही दोनों साथ में थे और दोनों में ऐसा हँसी-मज़ाक़ हुआ करता था जैसा दो लंगोटिया यारों में होता है।
बीरबल जी हँसोड़ थे सो नहीं वे अच्छे शूर, सामन्त, कवि, पण्डित और सभाचातुर वीरनर थे। वे दानी भी बड़े थे और हाज़िरजवाबी में तो अपना सानी नहीं रखते थे। बादशाह उन्हें प्राणों से भी अधिक प्रिय मानते थे और क्षण भर भी पृथक रहना नहीं चाहते थे। इसमें किंचितमात्र संदेह नहीं कि उन दोनों के मज़ाक़ बड़े मौक़े मार्के के और गुदगुदाने वाले होते थे। खेद है कि इनके मजाकों में कुछ मजाक कल्पित सन्निवेशित कर दिए गए हैं। मुल्ला दोप्याजे का नाम भी कल्पित ही सिद्ध हुआ है।
बीरबल को बादशाह की आँखों से गिराने का कई बार उनके प्रतिद्वन्द्वियों ने प्रयत्न किया पर वे अपने कौशल से षड्यन्त्रकारियों को नीचा ही दिखाते रहे।
उनकी हाजिरजवाबी ऐसी थी जिससे बादशाह को भी सिर नीचा कर लेना पड़ता था। उन्हें बादशाह बहुत मानते थे। स्वात और बाजोर के युद्ध में उनके मारे जाने पर बादशाह को घोर दुःख हुआ। कई रोज तक वह एकान्त में बैठकर रोया किया।
बादशाह को यदि ऐसा चतुर साथी न मिला होता तो उसका जीवन नीरस हो जाता।
हमारे इस संग्रह में दोनों के वे मजाक संग्रहीत हैं जो अधिक प्रचलित हैं और हास्यरस से भरे हुए हैं। आशा है कि इसके पाठकों को इससे कुछ मनोरंजन विशेष होगा। यदि ऐसा हुआ तो हम अपना श्रम सफल समझेंगे।
हमने इसे कई प्रचलित प्रकाशित पुस्तकों से संग्रह किया है। सम्भव है कि हमारी संग्रहीत भाषा में अनेक अक्षम्य अशुद्धियाँ हों अतएव पाठकवृन्द उन अशुद्धियों पर विशेष दृष्टि निक्षेप न करके हमारे प्रयास पर ही ध्यान देंगे और उन्हें सुधार कर ही पठन पाठन करेंगे।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
माना जाता है कि अकबर बीरबल के कई क़िस्से सच्चे हैं। यद्यपि अन्य बहुत-से तेनाली राम आदि से परिवर्तित करके लिए गए हैं।
स्वात और बाजोर के युद्ध में बीरबल की मृत्यु हुई थी। कहते हैं कि इसके बाद कई दिनों तक अकबर एकान्त में रोता रहा।
“और क्या! फुर्र…”, “पिछले जन्म की कहानी”, “बीरबल की खिचड़ी” और “मोती की खेती” आदि कथाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं।
कहते हैं कि हाज़िरजवाबी में बीरबल का कोई सानी नहीं था। हँसी-मज़ाक़ में वे बहुत निपुण थे।
बीरबल का असली नाम महेश दास बताया जाता है।
Pingback: अकबर बीरबल के पिछले जन्म की कहानी
Best Akbar Birbal Kahaniya loved it.
हिंदी पथ पर अकबर-बीरबल की कहानियाँ पढ़ने और सराहने के लिए धन्यवाद। शीघ्र ही अकबर और बीरबल की अन्य कहानियां भी यहाँ उपलब्ध होंगी। इसी तरह पढ़ते रहें।
Akbar Birbal Ki Kahani padh kar maza aa gaya. Ummeed hai aap log aur bhi kahaniyan daalte jaayenge
अकबर-बीरबल की कहानियाँ हिंदी पथ पर पढ़ने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। आपका प्रोत्साहन ही हमें काम करने की प्रेरणा देता है। जल्दी ही आपको यहाँ इस किताब की सभी कहानियां मिलेंगी। ऐसे ही पढ़ना जारी रखें।
bahut hi achhi kahaniya
प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए धन्यवाद जगदीश जी। शीघ्र ही आपको बाक़ी अकबर-बीरबल की कहानियां भी यहाँ मिलेंगी। कृपया इसी तरह पढ़ते रहें।
Very Nice Kahani
Very nice post …. Read more Akbar Birbal stories here webkahaniya
Thank you very much for words of appreciation. We are adding Akbar Birbal stories in Hindi every day. Keep reading.
Akbar Birbal ki ek nayi kahani
अर्चक जी, टिप्पणी के लिए धन्यवाद। हम इसपर काम कर रहे हैं और जल्दी ही अकबर-बीरबल की नई कहानियाँ आपको यहाँ मिलेंगी। बस थोड़ा-सा धैर्य बनाए रखें और इसी तरह हमें अपने विचारों से अवगत कराते रहें।
Bhot accha kahani ha sir akbar birbal ki.
बहुत-बहुत धन्यवाद। इसी तरह हिंदी पथ पर अकबर-बीरबल की कहानियां पढ़ते रहें।
Bhot hard sir.
Thank you very much. Keep reading Akbar Birbal stories in Hindi here. We will soon bring more.
Very Nice Kahani
दिलीप जी, कहानी पढ़ने और उत्साह बढ़ाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। इसी तरह पढ़ते रहें और हमारा मार्गदर्शन करते रहें।
very nice story
Himanshu Ji, thank you very much for reading HindiPath. Keep reading and guiding us.
सुंदर प्रेरणात्मक कहानियां
हर्षद जी, टिप्पणी के लिए धन्यवाद। इसी तरह हिंदीपथ पढ़ते रहें और हमारा मार्गदर्शन करते रहें।