लड्डू गोपाल की आरती – Laddu Gopal Ki Aarti
लड्डू गोपाल की आरती मन में उठ रही सभी कामनाओं को पूर्ण करने में सक्षम है। लड्डू गोपाल की मनोहर छवि पर तो तीनों लोक न्यौछावर हैं। वे सबका हृदय अपनी ओर आकर्षित करने वाले हैं।
जो उनकी इस सुंदर छवि का बारम्बार स्मरण करता है और लड्डू गोपाल की आरती गाता है, उसे भक्ति और सांसारिक उन्नति दोनों की प्राप्ति हो जाती है। पढ़ें लड्डू गोपाल की आरती–
आरती जुगल किशोर की कीजै,
राधे धन न्यौछावर कीजै॥ टेक ॥
रवि शशि कोटि बदन की शोभा,
ताहि निरखि मेरा मन लोभा।
गौर श्याम मुख निरखत रीझै,
प्रभु को स्वरूप नयन भर पीजै।
कंचन थार कपूर की बाती,
हरि आये निर्मल भई छाती।
फूलन की सेज फूलन की माला,
रतन सिंहासन बैठे नन्दलाला।
मोर मुकुट कर मुरली सोहै,
नटवर वेष देखि मन मोहै।
आधा नील पीत पटसारी,
कुञ्ज बिहारी गिरिवरधारी।
श्री पुरुषोत्तम गिरवरधारी,
आरती करें सकल ब्रजनारी।
नन्द लाला वृषभान् किशोरी,
परमानन्द स्वामी अविचल जोरी।
आरती जुगल किशोर की कीजै,
राधे धन न्यौछावर कीजै।
विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर लड्डू गोपाल की आरती (Laddu Gopal Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें लड्डू गोपाल की आरती रोमन में–
Read Laddu Gopal Ki Aarti
āratī jugala kiśora kī kījai,
rādhe dhana nyauchāvara kījai॥ ṭeka ॥
ravi śaśi koṭi badana kī śobhā,
tāhi nirakhi merā mana lobhā।
gaura śyāma mukha nirakhata rījhai,
prabhu ko svarūpa nayana bhara pījai।
kaṃcana thāra kapūra kī bātī,
hari āye nirmala bhaī chātī।
phūlana kī seja phūlana kī mālā,
ratana siṃhāsana baiṭhe nandalālā।
mora mukuṭa kara muralī sohai,
naṭavara veṣa dekhi mana mohai।
ādhā nīla pīta paṭasārī,
kuñja bihārī girivaradhārī।
śrī puruṣottama giravaradhārī,
āratī kareṃ sakala brajanārī।
nanda lālā vṛṣabhān kiśorī,
paramānanda svāmī avicala jorī।
āratī jugala kiśora kī kījai,
rādhe dhana nyauchāvara kījai।
लड्डू गोपाल रूप भगवान श्रीकृष्ण के रूप-माधुर्य का वर्णन करना शब्दों के बस की बात नहीं है। फिर भी शब्दों के माध्यम से यदि उनकी लीलाओं का श्रवण किया जा सके, तो उससे आनंददायक भी भला कुछ और नहीं हो सकता।
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