धर्मस्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – भाग 4

“स्वामी विवेकानंद के पत्र – भाग 4” में पढ़ें स्वामी विवेकानंद जी के 101 पत्र हिंदी में। इन पत्रों में स्वामीजी के ओजस्वी विचारों और गहन चिंतन का पता लगता है। उनकी हर चिट्ठी पठनीय है। पढ़ें और मनन करें–

  1. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (24 अप्रैल, 1895)
  2. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (25 अप्रैल, 1895)
  3. कलकत्ते के एक व्यक्ति को लिखित (2 मई, 1895)
  4. स्वामी विवेकानंद जी का पत्र (मई, 1895)
  5. हेल बहनों को लिखित (5 मई, 1895)
  6. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (6 मई, 1895)
  7. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (7 मई, 1895)
  8. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (14 मई, 1895)
  9. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (मई, 1895)
  10. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (28 मई, 1895)
  11. स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखित (1895)
  12. स्वामी विवेकानंद – कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (जून, 1895)
  13. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (7 जून, 1895)
  14. कुमारी मेरी हेल को लिखित (17 जून, 1895)
  15. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (जून, 1895)
  16. श्री एफ. लेगेट को लिखित (18 जून, 1895)
  17. श्री सिंगारावेलू मुदलियार को लिखित (22 जून, 1895)
  18. कुमारी मेरी हेल को लिखित (22 जून, 1895)
  19. कुमारी मेरी हेल को लिखित (26 जून, 1895)
  20. कुमारी मेरी हेल को लिखित (1895)
  21. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (1 जुलाई, 1895)
  22. श्रीमती बेटी स्टारगीज को लिखित (जुलाई, 1895)
  23. श्री एफ. लेगेट को लिखित (7 जुलाई, 1895)
  24. कुमारी अल्बर्टा स्टारगीज को लिखित (8 जुलाई, 1895)
  25. खेतड़ी के महाराज को लिखित (9 जुलाई, 1895)
  26. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित
  27. श्रीमती विलियम स्टारगीज को लिखित (29 जुलाई (अगस्त?), 1895)
  28. श्री फांसिस लेगेट को लिखित (31 जुलाई, 1895)
  29. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (2 अगस्त, 1895)
  30. स्वामी ब्रह्मानन्द को लिखित (अगस्त, 1895)
  31. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (9 अगस्त, 1895)
  32. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (अगस्त, 1895)
  33. श्री आलसिंगा पेरूमल को लिखित (अगस्त, 1895)
  34. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (अगस्त, 1895)
  35. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (26 अगस्त, 1895)
  36. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (5 सितम्बर, 1895)
  37. श्री आलसिंगा पेरूमल को लिखित (9 सितम्बर, 1895)
  38. कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (सितम्बर, 1895)
  39. स्वामी अखण्डानन्द को लिखित (1895)
  40. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (17 सितम्बर, 1895)
  41. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (24 सितम्बर, 1895)
  42. श्रीमती एफ० एच० लेगेट को लिखित (अक्टूबर, 1895)
  43. भगिनी निवेदिता को लिखित (4 अक्टूबर, 1895)
  44. स्वामी ब्रह्मानन्द को लिखित (4 अक्टूबर, 1895)
  45. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (6 अक्टूबर, 1895)
  46. स्वामी अभेदानन्द को लिखित (अक्टूबर, 1895)
  47. कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (अक्टूबर, 1895)
  48. कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (20 अक्टूबर, 1895)
  49. स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखित (1895)
  50. स्वामी ब्रह्मानन्द को लिखित (1895)
  51. कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (31 अक्टूबर, 1895)
  52. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (31 अक्टूबर, 1895)
  53. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (1 नवम्बर, 1895)
  54. स्वामी अखण्डानन्द को लिखित (13 नवम्बर, 1895)
  55. श्री आलसिंगा पेरूमल को लिखित (18 नवम्बर, 1895)
  56. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (21 नवम्बर, 1895)
  57. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (1895)
  58. कुमारी अल्बर्टा स्टारगीज को लिखित (5 दिसम्बर, 1895)
  59. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (8 दिसम्बर, 1895)
  60. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (8 दिसम्बर, 1895)
  61. कुमारी जोसेफिन मैक्लिऑड को लिखित (8 दिसम्बर, 1895)
  62. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (10 दिसम्बर, 1895)
  63. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (16 दिसम्बर, 1895)
  64. श्री आलसिंगा पेरूमल को लिखित (20 दिसम्बर, 1895)
  65. स्वामी सारदानन्द को लिखित (23 दिसम्बर, 1895)
  66. कुमारी एस. फार्मर को लिखित (29 दिसम्बर, 1895)
  67. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (29 दिसम्बर, 1895)
  68. अपने गुरुभाइयों को लिखित (1895)
  69. स्वामी ब्रह्मानन्द को लिखित (1895)
  70. स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखित (1895)
  71. श्री आलसिंगा पेरूमल को लिखित (1895)
  72. कुमारी मेरी हेल को लिखित (6 जनवरी, 1896)
  73. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (16 जनवरी, 1896)
  74. स्वामी त्रिगुणातीतानन्द को लिखित (17 जनवरी, 1896)
  75. श्री आलासिंगा पेरूमल को लिखित (23 जनवरी 1896)
  76. स्वामी त्रिगुणातीतानन्द को लिखित (जनवरी, 1896)
  77. स्वामी योगानन्द को लिखित (24 जनवरी, 1896)
  78. कुमारी मेरी हेल को लिखित (10 फरवरी, 1896)
  79. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (13 फरवरी, 1896)
  80. श्री आलसिंगा पेरूमल को लिखित (17 फरवरी, 1896)
  81. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (29 फरवरी, 1896)
  82. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित (17 मार्च, 1896)
  83. कुमारी मेरी हेल को लिखित
  84. स्वामी त्रिगुणातीतानन्द को लिखित (22 मार्च, 1896)
  85. श्री आलसिंगा पेरूमल को लिखित (23 मार्च, 1896)
  86. श्री आलासिंगा पेरूमल को लिखित (मार्च, 1896)
  87. श्री आलासिंगा पेरुमल को लिखित (1896)
  88. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (6 अप्रैल, 1896)
  89. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (14 अप्रैल, 1896)
  90. स्वामी त्रिगुणातीतानन्द को लिखित (14 अप्रैल, 1896)
  91. हेल बहनों को लिखित (14 अप्रैल, 1896)
  92. श्री ई. टी. स्टर्डी को लिखित
  93. हेल बहनों को लिखित (20 अप्रैल, 1896)
  94. अपने गुरुभाइयों को लिखित (27 अप्रैल, 1896)
  95. स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखित (1896)
  96. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (30 मई, 1896)
  97. कुमारी मेरी हेल को लिखित (30 मई, 1896)
  98. श्रीमती ओलि बुल को लिखित (5 जून, 1896)
  99. भगिनी निवेदिता को लिखित (7 जून, 1896)
  100. स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखित (24 जून, 1896)
  101. स्वामी रामकृष्णानन्द को लिखित (3 जुलाई, 1896)

“स्वामी विवेकानंद के पत्र – भाग 4” में स्वामी विवेकानन्द द्वारा लिखित जुलाई 1896 तक की चिट्ठियाँ हैं। स्वामी जी का चिंतन और व्यक्तित्व बहुआयामी था। उनकी हर चिट्ठी किसी-न-किसी आयाम की गहराई से पड़ताल कर उसे उजागर करती है।

इससे आगे के पत्र पढ़ने के लिए कृपया यहाँ जाएँ – स्वामी विवेकानंद के पत्र – भाग 5

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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