स्वामी विवेकानंद का संपूर्ण साहित्य
हमें स्वामी विवेकानंद का संपूर्ण साहित्य पहली बार हिंदी में इंटरनेट पर प्रस्तुत करते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है। यहाँ आप स्वामी जी की सारी किताबें व ग्रंथ आदि ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। पढ़िए स्वामी विवेकानंद की पुस्तकें हिन्दी में–
स्वामी विवेकानंद साहित्य (भाग-1)
- भूमिका – हमारे गुरु व उनका संदेश
- स्वामी विवेकानंद
- शिकागो वक्तृता – विश्व धर्म-महासभा व्याख्यानमाला
- स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण
- हमारे मतभेद का कारण
- हिंदू धर्म पर निबंध
- धर्म – भारत की प्रधान आवश्यकता नहीं
- बौद्ध धर्म – हिन्दू धर्म की निष्पत्ति
- अंतिम अधिवेशन में भाषण
- राजयोग
- पातंजल योगसूत्र
- उपक्रमणिका
- समाधिपाद
- साधनपाद
- विभूतिपाद
- कैवल्यपाद
- परिशिष्ट
- भारत – उसका धर्म तथा समाज
- हिंदू दार्शनिक चिंतन के सोपान
- वेदप्रणीत धार्मिक आदर्श
- भारतीय आध्यातिक चिंताधारा
- हिन्दू धर्म
- भारतीय कला
- क्या भारत तमसाच्छादित देश है?
- भारत
- भारत की जनता
- हिंदू और ईसाई
- भारत में ईसाई धर्म
- हिन्दू और यूनानी
- स्फुट विचार
- भारतीय नारी
- प्राच्य नारी
- अधिकारीवाद के दोष
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 1)
स्वामी विवेकानंद साहित्य (भाग-2)
- ज्ञानयोग
- मनुष्य का यथार्थ स्वरूप
- मनुष्य का वास्तविक और प्रातिभासिक स्वरूप
- माया और भ्रम
- माया और ईश्वर-धारणा का क्रमविकास
- माया एवं मुक्ति
- ब्रह्म एवं जगत
- विश्व – बृहत ब्रह्माण्ड
- विश्व – सूक्ष्म ब्रह्माण्ड
- अमरत्व
- बहुत्व में एकत्व
- सभी वस्तुओं में ब्रह्मदर्शन
- अपरोक्षानुभूति
- आत्मा का मुक्त स्वभाव
- धर्म की आवश्यकता
- आत्मा
- आत्मा – उसके बंधन तथा मुक्ति
- संन्यासी का गीत
- धर्म – सामान्य
- आत्मा, ईश्वर और धर्म
- धर्म – उसकी विधियाँ और प्रयोजन
- धर्म एवं विज्ञान
- भवत्प्राप्ति ही धर्म है
- स्वार्थोन्मूलन ही धर्म है
- धर्म का प्रमाण
- धर्म का सार-तत्त्व
- धर्म के दावे
- तर्क और धर्म
- धर्म क्या है?
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 2)
स्वामी विवेकानंद साहित्य (भाग-3)
- कर्मयोग
- धर्म – साधना
- उच्चतर जीवन के निमित्त साधनाएँ
- आत्मानुभूति के सोपान
- क्रियात्मक आध्यात्मिकता के प्रति संकेत
- विश्व धर्म की उपलब्धि का मार्ग
- विश्व धर्म का आदर्श
- शाश्वत शांति का पथ
- लक्ष्य और उसकी प्राप्ति के उपाय
- धर्म की साधना–१
- धर्म की साधना–२
- संन्यासी
- संन्यासी और गृहस्थ
- संन्यास और गृहस्थ जीवन
- गुरु के अधिकारी होने का प्रश्न
- सच्चा गुरु कौन है?
- शिष्यत्व
- मंत्र और मंत्र-चैतन्य
- मातृ-पूजा
- दिव्य माता की उपासना
- मुक्ति का मार्ग
- उपासक और उपास्य
- औपचारिक उपासना
- दुराग्रह
- धर्म में व्यवसायी
- भक्तियोग पर व्याख्यान, प्रवचन व कक्षालाप
- भक्ति
- भक्तियोग–१
- भक्तियोग–२
- भक्तियोग के पाठ
- ईश्वर-प्रेम–१
- ईश्वर-प्रेम–२
- प्रेम-धर्म
- दिव्य प्रेम
- नारद-भक्ति-सूत्र
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 3)
स्वामी विवेकानंद साहित्य (भाग-4)
- भक्तियोग
- पराभक्ति
- राजयोग पर व्याख्यान, प्रवचन एवं कक्षालाप
- राजयोग पर छः पाठ
- राजयोग
- राजयोग का उद्देश्य
- राजयोग-शिक्षा
- एकाग्रता
- एकाग्रता और श्वास-प्रश्वास-क्रिया
- मनोविज्ञान का महत्व
- प्राणायाम
- चित्त की एकाग्रता
- ध्यान
- योग-विज्ञान
- अतीन्द्रिय अथवा मनस्तात्त्विक अनुसंधान का आधार
- श्वास-प्रश्वास क्रिया
- योग के सिद्धांत
- मन की शक्तियाँ
- मन की शक्ति
- सांख्य पर व्याख्यान, प्रवचन एवं कक्षालाप
- एकत्व – धर्म का लक्ष्य
- ब्रह्माण्ड-विज्ञान
- सांख्य दर्शन का एक अध्ययन
- सांख्य एवं वेदांत
- क्रम-विकास
- समालाप
- चमत्कार
- लंदन में भारतीय योगी
- भारत का मिशन
- भारत और इंग्लैंड
- इंग्लैण्ड में भारत के मिशनरी का उद्देश्य
- मदुरा में स्वामी विवेकानन्द के साथ
- विदेशों की बात और देश की समस्याएँ
- पश्चिम में प्रथम हिंदू संन्यासी
- राष्ट्रीय आधार पर हिन्दू धर्म का पुनर्जागरण
- भारतीय नारियाँ–उनका भूत, वर्तमान और भविष्य
- हिंदू धर्म की सीमा
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 4)
स्वामी विवेकानन्द साहित्य (भाग-5)
- भारत में विवेकानन्द – भारतीय व्याख्यान – कोलम्बो से अल्मोड़ा तक
- प्राची में प्रथम सार्वजनिक व्याख्यान
- वेदान्त
- पाम्बन-अभिनन्दन का उत्तर
- यथार्थ उपासना
- रामनाड़-अभिनन्दन का उत्तर
- परमकुड़ी-अभिनन्दन का उत्तर
- मानमदुरा-अभिनन्दन का उत्तर
- मदुरा-अभिनन्दन का उत्तर
- वेदांत का उद्देश्य
- मद्रास-अभिनन्दन का उत्तर
- मेरी क्रान्तिकारी योजना
- भारतीय जीवन में वेदान्त का प्रभाव
- भारत के महापुरुष
- हमारा प्रस्तुत कार्य
- भारत का भविष्य
- दान
- कलकत्ता-अभिनन्दन का उत्तर
- सर्वांग वेदांत
- अल्मोड़ा-अभिनन्दन का उत्तर
- वैदिक उपदेश – तात्त्विक और व्यावहारिक
- भक्ति
- हिंदू धर्म के सामान्य आधार
- भक्ति
- वेदांत
- वेदान्त
- इंग्लैंड में भारतीय आध्यात्मिक विचारों का प्रभाव
- संन्यास – उसका आदर्श तथा साधन
- मैंने क्या सीखा?
- वह धर्म जिसमें हम पैदा हुए
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 5)
स्वामी विवेकानंद साहित्य (भाग-6)
- शिष्य से वार्तालाप
- ज्ञानयोग पर व्याख्यान, प्रवचन एवं कक्षालाप
- ज्ञान-योग (१)
- ज्ञान-योग (२)
- ज्ञानयोग का परिचय
- ज्ञानयोग पर प्रवचन
- सत्य और छाया – १
- सत्य और छाया – २
- एकता
- माया का कारण क्या है?
- बहुरूप में प्रतीयमान एक सत्ता
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 6)
स्वामी विवेकानन्द साहित्य (भाग-7)
- देववाणी
- महापुरुष और उनके संदेश – व्याख्यान, प्रवचन एवं कक्षालाप
- याज्ञवल्क्य और मैत्रैयी
- रामायण
- रामायण पर स्फुट टिप्पणियाँ
- महाभारत
- जड़ भरत की कथा
- प्रह्लाद की कथा
- विश्व के महान शिक्षक
- विल्वमंगल
- भगवान बुद्ध
- संसार को बुद्ध का संदेश
- बौद्ध धर्म – एशिया की ज्योति का धर्म
- ईशदूत ईसा
- मुहम्मद
- मेरे गुरुदेव
- श्री रामकृष्ण और उनके विचार
- श्री रामकृष्ण – राष्ट्र के आदर्श
- कृष्ण और गीता
- कृष्ण
- गीता – १
- गीता – २
- गीता – ३
- गीता पर विचार
- रचनानुवाद – गद्य १
- योग के चार मार्ग
- कल्प-विराम एवं परिवर्तन
- विकास के लिए संघर्ष
- धर्म का जन्म
- शिव जी का भूत
- ईसा-अनुसरण
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 7)
स्वामी विवेकानंद साहित्य (भाग-8)
- व्यावहारिक जीवन में वेदांत
- आत्मा, ईश्वर और प्रकृति – व्याख्यान, प्रवचन एवं कक्षालाप
- आत्मा का मुक्त स्वभाव
- आत्मा और विश्व
- ईश्वर और ब्रह्म
- आत्मा, प्रकृति तथा ईश्वर
- ईश्वरत्व की धारणा
- आत्मा का स्वरूप और लक्ष्य
- जीवात्मा एवं परमात्मा
- आत्मा और ईश्वर
- आत्मा की मुक्ति
- ईश्वर – सगुण तथा निर्गुण
- सोऽहमस्मि
- रचनानुवाद – गद्य २
- यूरोप यात्रा के संस्मरण
- वार्ता एवं संलाप
- श्री प्रियनाथ सिन्हा द्वारा आलिखित
- श्री सुरेन्द्रनाथ सेन द्वारा आलिखित
- श्री सुरेन्द्रनाथ दास गुप्ता द्वारा आलिखित
- इतिहास का प्रतिशोध (श्रीमती राइट)
- धर्म, सभ्यता और चमत्कार (दी अपील–आभालांस)
- धार्मिक समन्वय (डिट्राएट फ़्री प्रेस)
- पतिता नारियाँ (डिट्राएट ट्रिब्यून)
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 8)
स्वामी विवेकानन्द साहित्य (भाग-9)
- भक्तियोग पर प्रवचन
- पूर्व साधना
- प्रारंभिक सोपान
- आध्यात्मिक गुरु
- प्रतीकों की आवश्यकता
- प्रमुख प्रतीक
- इष्ट
- वेदांत पर व्याख्यान, प्रवचन एवं कक्षालाप
- वेदांत दर्शन – १
- वेदांत दर्शन – २
- क्या वेदान्त भावी युग का धर्म होगा?
- वेदान्त और विशेषाधिकार
- विशेषाधिकार
- सभ्यता का अवयव वेदांत
- वेदांत का सार-तत्त्व तथा प्रभाव
- खुला रहस्य
- वेदों और उपनिषदों के विषय में विचार
- मानव का भाग्य
- लक्ष्य – १
- लक्ष्य – २
- वेदांत पर टिप्पणियाँ
- आधुनिक संसार पर वेदान्त का दावा
- मनुष्य अपना भाग्य-विधाता
- वेदांत दर्शन और ईसाई मत
- प्रकृति और मानव
- नियम और मुक्ति
- बौद्ध मत और वेदान्त
- कर्म और उसका रहस्य
- कर्म और उसका रहस्य
- कर्मयोग
- कर्म ही उपासना है
- निष्काम कर्म
- ज्ञान और कर्म
- निष्काम कर्म ही सच्चा संन्यास है
- रचनानुवाद – गद्य ३
- वर्तमान भारत
- क्या आत्मा अमर है?
- पुनर्जन्म
- प्रोफ़ेसर मैक्समूलर
- डॉक्टर पॉल डॉयसन
- पवहारी बाबा
- धर्म के मूल तत्त्व
- आर्य और तमिल
- सामाजिक सम्मेलन भाषण
- विश्व को भारत का संदेश
- विषय-सूची
- भूमिका
- थियोसॉफ़ी पर कुछ स्फुट विचार
- बुद्धि, श्रद्धा और प्रेम
- छः संस्कृत आदर्श वाक्य
- दिव्य प्रज्ञा का संदेश
- बंधन
- नियम
- ब्रह्म (परात्पर) और मुक्ति-प्राप्ति
- बेलूड़ मठ – एक अपील
- अद्वैत आश्रम, हिमालय
- रामकृष्ण सेवाश्रम, बनारस – एक अपील
- रचनानुवाद – पद्य १
- समाधि
- सखा के प्रति
- गाता हूँ गीत मैं तुम्हें सुनाने को
- नाचे उसपर श्यामा
- काली माता
- सागर के वक्ष पर
- शिव-संगीत
- श्री कृष्ण-संगीत
- शिवस्तोत्रम्
- अम्बास्तोत्रम्
- श्री रामकृष्ण-स्तोत्रम्
- श्री रामकृष्ण-आरत्रिकम्
- श्री रामकृष्ण प्रणामः
- अभिनन्दन पत्रों का उत्तर
- खेतड़ी के महाराज के अभिनन्दन का उत्तर – धर्मभूमि भारत
- मद्रास के अभिनन्दन का उत्तर
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 9)
स्वामी विवेकानंद साहित्य (भाग-10)
- विविध विषय – व्याख्यान, प्रवचन एवं कक्षालाप
- मेरा जीवन तथा ध्येय
- अवतार
- जीवन और मृत्यु के नियम – १
- जीवन और मृत्यु के नियम – २
- पुनर्जन्म
- आत्मा और प्रकृति
- सृष्टि-रचनावाद का सिद्धान्त
- तुलनात्मक धर्म-विज्ञान
- धार्मिक एकता-सम्मेलन
- कक्षालाप के संक्षिप्त विवरण –
- संगीत पर
- आहार पर
- ईसा का पुनरागमन कब होगा?
- मनुष्य और ईसा में अन्तर
- क्या ईसा और बुद्ध एक हैं?
- पाप से मोक्ष
- दिव्य माता के पास प्रत्यागमन
- ईश्वर से भिन्न व्यक्तित्व नहीं
- भाषा
- कला – १
- कला – २
- रचनानुवाद – गद्य ४
- प्राच्य और पाश्चात्य
- भारत का ऐतिहासिक क्रम-विकास
- बालक गोपाल की कथा
- हमारी वर्तमान समस्या
- भारत और हिंदुत्व
- भारतीयों के आचार-विचार तथा रीति-रिवाज़
- भारत के धर्म
- भारत के सम्प्रदाय और मत-मतान्तर
- संसार को भारत की देन
- भारत की बाल विधवाएँ
- हिन्दुओं के कुछ रीति-रिवाज़
- धर्म-सिद्धांत कम, रोटी अधिक
- बुद्ध का धर्म
- संन्यासी का भाषण
- सभी धर्म अच्छे हैं
- जीवन पर हिन्दू दृष्टिकोण
- नारीत्व का आदर्श
- सच्चा बुद्धमत
- संस्मरण
- स्वामी विवेकानंद के साथ दो-चार दिन – श्री हरिपद मित्र
- स्वामी विवेकानंद की अस्फुट स्मृति – स्वामी शुद्धानन्द
- प्रश्नोत्तर
- बेलूड़ मठ की डायरी से
- ब्रुकलिन नैतिक सभा, बोस्टन में
- ट्वेंटिएथ सेंचुरी क्लब, बोस्टन में
- हार्डफ़ोर्ड में ‘आत्मा, ईश्वर और धर्म’
- अमेरिका के एक संवाद-पत्र से
- हार्वर्ड विश्वविद्यालय की ‘ग्रेजुएट दार्शनिक सभा’ में
- योग, वैराग्य, तपस्या, प्रेम
- गुरु, अवतार, योग, जप, सेवा
- भगिनी निवेदिता के कुछ प्रश्नों के उत्तर
- पत्रावली – स्वामी विवेकानंद के पत्र (भाग 10)
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- स्वामी विवेकानंद के विचार
- स्वामी विवेकानन्द के शिक्षा पर विचार
- पवहारी बाबा – स्वामी विवेकानंद कृत पुस्तक
इंटरनेट पर The Complete Works Of Swami Vivekananda अभी तक अंग्रेज़ी में ही उपलब्ध है। हमारा प्रयास है कि हिंदी में स्वामी विवेकानन्द की संपूर्ण ग्रंथावली को जल्द-से-जल्द उपलब्ध कराया जाए। स्वामी जी की कोई भी पुस्तक या किसी किताब का कोई अंश जैसे ही पूरी तरह टाइप हो जाएगा, उसकी कड़ी को यहाँ जोड़ दिया जाएगा। हमें आशा है कि आप भी स्वामी विवेकानन्द के विचारों से लाभान्वित होंगे और अधिक-से-अधिक लोगों तक ज्ञान के प्रकाश को पहुँचाएंगे।
विवेकानन्द साहित्य के 10 खण्डों को हिन्दी में नेट पर प्रकाशित करने के लिये कोटिशः धन्यवाद है ! किन्तु अंग्रेजी और बंगला में प्रकाशित साहित्य की तरह , इसकी सामग्री को यदि ‘cut and pest ‘ करने की अनुमति नहीं दी जायेगी तब , उनकी रचनाओं पर ब्लॉग्स लिखने में कोई सहायता नहीं मिलेगी।
अतः श्रीमान से प्रार्थना है , कि अन्य भाषाओँ की तरह विवेकानन्द के हिन्दी साहित्य को भी सुरक्षित की श्रेणी से हटाकर सार्वजनिक संपत्ति बनाने की कृपा की जाय !
बिजय जी, टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद। संपूर्ण विवेकानंद साहित्य पर कार्य अभी भी प्रगति पर है। जल्दी ही पूरा साहित्य हिंदीपथ पर उपलब्ध होगा। आपका सुझाव टीम हिंदीपथ तक पहुँचा दिया गया है और शीघ्र ही इस सुझाव पर आपको उत्तर प्राप्त होगा।
साहित्य, समाज और अध्यात्म की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण कार्य ! एतदर्थ, नमन और आभार
डॉ. विनय कुमार जी, आपके आशीष के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। स्वामी विवेकानंद से प्रेरित होकर इस वेबसाइट का निर्माण हुआ है। शीघ्र ही संपूर्ण विवेकानंद साहित्य तथा वेद आदि अन्य आध्यात्मिक ग्रंथ यहाँ आप पढ़ पाएंगे। कृपया इसी तरह हमारा उत्साहवर्धन करते रहें।
swami vivekanand ji ke baare me aapne bahoot acchi jankari di.
रमण जी, टिप्पणी करके हमारा उत्साहवर्धन करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। स्वामी विवेकानंद की पुस्तकों को जन-जन तक पहुँचाना ही हमारा लक्ष्य है। इसी तरह हिंदी पथ पढ़ते रहें और हमारा मार्गदर्शन करते रहें।
मेरा नाम भारत भूषण है और मैं उत्तर प्रदेश 245101 के एक शहर हापुड़ से हूं। और मैं स्वामी जी का संपूर्ण साहित्य पेपर पैक में खरीदना चाहता हूं। अतः 8171602997 पर संपूर्ण जानकारी भेंजन की कृपया करें।
धन्यवाद
भारत भूषण जी, हिंदीपथ पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। स्वामी विवेकानन्द का साहित्य ही हमारे जीवन की प्रेरणा है। यह जानकर अच्छा लगा कि आप उनका संपूर्ण साहित्य पढ़ना चाहते हैं। शीघ्र ही हमारी टीम आपसे संपर्क कर उनका साहित्य ख़रीदने में आपकी सहायता करेगी। इसी तरह यहाँ आते रहें, पढ़ते रहें और अपने अनमोल विचारों से हमें अवगत कराते रहें।
Aap bahut hi achha kam kar rahe he, par kafi vaktse ye kam aage nahi badha, naye article nahi jode gaye Swami Vivekananda ke, to kab khatam hoga ye?
हेमन्त जी, टिप्पणी करके हमारे विचारों से अवगत करने के लिए धन्यवाद। शीघ्र ही आप यहाँ स्वामी विवेकानंद के नए लेख पढ़ पाएंगे। इसी तरह हमारा मार्गदर्शन करते रहें।
अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य भारत के जागरण के लिए
आप पर भगवान की असीम कृपया है इसीलिए इस महान कार्य के लिए आप लोग चुने गए हैं उनके द्वारा
भगवान श्री रामकृष्ण , माँ सारदा और स्वामी विवेकानंद की असंख्य आशीर्वाद आप पर वर्षित हों